खुश्बु


मैं साया नहीं जो छोड के चला जाऊँगा,
मैं हवा का झोंका नहीं जो आके लौट जाऊँगा,
मैं तो खुश्बु हूँ तेरे बदन की, तेरी चिता के साथ ही जल जाऊँगा ।।

-निसर्ग

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